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  • माँ मेरी माँ- Mother My Mother
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माँ मेरी माँ- Mother My Mother

Publisher: Binjraj Ranka, Kolkata
Language: Hindi
Total Pages: 536
Available in: Hardbound
Regular price Rs. 1,500.00
Unit price per
Tax included.

Description

पुस्तक परिचय


" माँ " इस लघु शब्द में प्रेम को विराटता / समग्रता निहित है। अणु-परमाणुओं को संघटित करके अनगिनत नक्षत्रों, लोक- लोकान्तरों, देव - दनुज - मनुज तथा कोटि-कोटि जीव-प्रजातियों को माँ ने ही जन्म दिया है । माँ के अन्दर प्रेम की पराकाष्ठा है या यूँ कहें कि माँ ही प्रेम की पराकाष्ठा है। प्रेम की यह चरमता केवल मानव माताओं में ही नहीं, वरन् सभी मादा जीवों में देखने को मिलती हैं। अपने बच्चों के लिये भोजन न मिलने पर हवासिल (पेलिकन) नाम की जल-पक्षिणी अपना पेट चीर कर अपने बच्चों को अपना रक्त-मांस खिला-पिला देती है ।
"माँ" को उसका दैवी सम्मान दिलाना वर्तमान युग की सबसे बड़ी आवश्यकताओं में से एक है । किसी भागवत अंत:प्रेरणा से प्रेरित होकर श्री बींजराज राँका ने माँ-विषयक इस पुस्तक का प्रकाशन करके एक ईश्वरीय कदम उठाया है । यह न केवल समय की वरन् इंसाफ़ की ओर शायद भगवान् की भी माँग है । राँका जी अमूल्य निधियों से भरी हुई ‘“माँ” नामक अपनी इस पुस्तक को हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी, तीन भाषाओं में प्रकाशित करना चाहते हैं । श्री माँ से प्रार्थना है कि इस महत् कार्य में उनकी सहायता करें । अनेक प्रतिष्ठित / प्रसिद्ध लेखकों / हस्तियों ने उनकी इस योजना में उत्साह से भाग लिया है । आशा है कि बींजराज राँका जी का यह सद्प्रयास युगान्तकारी सिद्ध होगा और नारी को, माँ को उसका खोया सम्मान दिलवायेगा ।
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