🔄

  • लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3
  • लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3
  • लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3
  • लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3
  • लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3
  • लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3
  • लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3
  • लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3

लघु कथाएँ 3 - Laghu Kathayein 3

भारत के तीसरे महाकाव्य देवायण से
Publisher: Moonlight Books
Language: Hindi
Total Pages: 156
Available in: Paperback
Regular price Rs. 300.00
Unit price per
Tax included.

Description

यह भारत के तीसरे महाकाव्य, देवायण की अतिरिक्त कहानियों से सरलीकृत उद्धरण का दूसरा संग्रह है। यह काल के चार युर्गा की कहानी कहता है। इन कहानियों में कुछ अत्यंत रोचक आख्यान सम्मिलित हैं, जैसे, कृष्ण द्वारा शिशुपाल से रुक्मिणि के उद्धार, इंद का पृथ्वी से निष्काषन और पुनः बुलाया जाना, कलि और शनि द्वारा स्वर्णिम युग को विलंबित करने की रणनीति। इनमें आदि शंकराचार्य और मंत्र के रूप में वंदेमातरम पर अद्भुत कहानियाँ भी है। यह कहानियाँ पाठकों को यह विश्वास दिलाने में सहायता करेंगी कि स्वर्णिम युग वापस आएगा तथा हम इसी उद्देश्य से अपनी प्रार्थनाओं तथा ऊर्जा को निर्देशित करेंगे।


अमिता नथवाणी का जन्म 1944 में, देहरादून, भारत में हुआ था। श्री अरविंद से अत्यंत प्रभावित हो कर, वे 1963 में पाँडिचेरी रहने चली गई। उन्होंने विवाह किया और 1973 से यूरोप में रह रही हैं। भारत, अफ्रीका और यूरोप में कार्य करने के बाद, उन्होंने अपना जीवन देवायण के प्रतिलेखन में समर्पित करने का निर्णय किया है।


मैगी वॉयसी पाउन ने इंग्लैंड में रहने वाले भारतीय बच्चों के बारे में कहानियाँ प्रकाशित की हैं, नाटक तथा वयस्कों के लिए उपन्यास लिखे हैं, जिनमें सभी का भारत के साथ कुछ न कुछ संबंध है। वे कई वर्षों से रश्मि से विवाहित हैं और उनके तीन पुत्र और पाँच पौत्र पौत्रियाँ हैं।