Description
'संस्कृत मनीषा के कतिपय नक्षत्र' में प्रो. ओम्प्रकाश पाण्डेय के बहुआयामी एवं वैविध्यपूर्ण अध्ययन, अनुसन्धान एवं मौलिक चिन्तन-मनन से प्रसूत छियालिस चुने हुए निबन्ध सङ्कलित हैं, जो संस्कृत-साहित्य, भारतीय संस्कृति एवं लोक-परम्परा, पर्वो, उत्सवों और प्राच्यविद्या के कुछ पौरस्त्य और पाश्चात्य विद्वानों के जीवन तथा कृतित्व के अचर्चित पक्षों को उजागर करते हैं। इनमें से कालिदास, व्यास, पण्डितराज जगन्नाथ, महर्षि पाणिनि और घनश्याम से सम्बद्ध आलेखों में संस्कृत-वाङ्मय के जहाँ सर्वथा अछूते सन्दर्भ उद्घाटित हैं, वहीं होली के वैदिक स्वरूप का विवेचन भी नयी जानकारी देता है। इन निबन्धों में मनीषी लेखक की गहन अनुसन्धित्सा, तर्कनिष्ठा, ललित प्रस्तुति, विषय की प्रौढ़ और पैनी समझ तथा समग्र भारतीय मनीषा के प्रति प्रगाढ़ तन्मयता पदे पदे स्फुटित हो रही है। भाषिक आडम्बर, और अप्रचलित शब्दों से सप्रयत्न बचती हुई प्रो. पाण्डेय की रोचक भाषा तथा शैली अपनी स्पष्टता और निश्छल अभिव्यक्ति से पाठक को अध्ययन का अभिनव आस्वाद प्रदान करती हुई उसे निरन्तर बाँधे रखती है।