

Description
सर्वज्ञ कथित परम सामायिक धर्म" — इस पवित्र जैन वाक्य का हिंदी में भावार्थ और विस्तृत अर्थ नीचे दिया गया है:
🔸 हिंदी में शब्दार्थ:
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सर्वज्ञ: जो सब कुछ जानने वाले हैं — अर्थात् केवलज्ञान प्राप्त तीर्थंकर भगवान।
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कथित: जिन्होंने उपदेश दिया है / कहा है।
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परम: जो सबसे श्रेष्ठ है।
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सामायिक: समभाव में स्थित रहना, समता में रहकर आत्मा का चिंतन करना — यह जैन धर्म का एक विशेष तप और आचरण है।
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धर्म: सच्चा कर्तव्य, आत्मा की शुद्धि का मार्ग।
🔸 हिंदी में भावार्थ:
"जिन सर्वज्ञ तीर्थंकर भगवान ने जो धर्म बताया है, वह परम अर्थात् सबसे श्रेष्ठ धर्म है — और वह है सामायिक धर्म।"
सामायिक धर्म का अर्थ है:
👉 राग-द्वेष से रहित होकर,
👉 समता भाव में स्थित होकर,
👉 आत्मा का ध्यान करना,
👉 अहिंसा, संयम और क्षमा का पालन करना।
🔸 सरल भाषा में समझिए:
जैन धर्म कहता है कि:
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मंदिर जाना, पूजा करना, दान देना — ये सब अच्छे कार्य हैं,
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लेकिन इन सबसे श्रेष्ठ है — अपने अंदर झांकना, राग-द्वेष छोड़कर आत्मा की ओर देखना।
और यही है — सामायिक धर्म।
🔸 उदाहरण:
जैसे कोई व्यक्ति दिन में थोड़ी देर के लिए संसारिक भावों (क्रोध, लोभ, मोह) से दूर होकर केवल आत्मा का ध्यान करता है, तो वह सामायिक कर रहा होता है।
तीर्थंकरों ने कहा — यही परम धर्म है।