Shrimadbhagvadgita Mahatmya Sahit- श्रीमद्भगवद्गीता महात्म्यसहित (Hindi Edition)

Shrimadbhagvadgita Mahatmya Sahit- श्रीमद्भगवद्गीता महात्म्यसहित (Hindi Edition)

Author(s): Gita Press
Publisher: Gita Press Gorakhpur
Language: Hindi
Total Pages: 383
Available in: Hardbound
Regular price Rs. 98.00
Unit price per

Description

Shrimad Bhagwad Gita Mahatmya Sahit" (श्रीमद्भगवद्गीता महात्म्य सहित) का अर्थ है श्रीमद्भगवद्गीता का महत्त्वपूर्ण परिचय और उसकी महिमा को विस्तार से समझाना। "महत्म्य" का मतलब होता है "महिमा" या "उच्चता", और इसे गीता के अद्वितीय महत्व और प्रभाव को समझाने के संदर्भ में प्रस्तुत किया जाता है।

श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जीवन, धर्म, कर्म, भक्ति, योग और आत्मा के अस्तित्व के बारे में उपदेश दिए। गीता का प्रत्येक श्लोक जीवन के रहस्यों को उजागर करता है और मानवता को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह एक व्यापक जीवन दर्शन भी है, जो मानवता के हर पहलू को समझाने का प्रयास करता है।

श्रीमद्भगवद्गीता की महिमा (Mahatmya):

  1. उद्धार का साधन: गीता के श्लोक व्यक्ति के जीवन में एक अमूल्य रत्न के समान होते हैं। इनका जाप और अभ्यास मानसिक शांति, आत्मविश्वास और ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति में सहायक होते हैं। गीता के उपदेशों से जीवन में संकटों और दुखों को दूर करने की क्षमता आती है।

  2. कर्म योग और भक्ति योग: गीता के प्रमुख उपदेशों में कर्मयोग (निष्काम कर्म) और भक्ति योग (भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण) का अत्यधिक महत्त्व है। गीता का कहना है कि व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन बिना किसी अपेक्षा और अहंकार के करना चाहिए। साथ ही, वह ईश्वर के प्रति भक्ति और श्रद्धा का भाव रखते हुए अपने जीवन में शांति और संतुलन पा सकता है।

  3. ज्ञान और ध्यान: गीता में ज्ञान और ध्यान के माध्यम से आत्मा की पहचान करने की बात की गई है। श्री कृष्ण ने बताया कि आत्मा शाश्वत और अजर है, और शरीर केवल एक अस्थायी आवरण है। इस ज्ञान को प्राप्त करने से व्यक्ति के जीवन की दिशा बदल सकती है और वह संसार के मोह-माया से मुक्त हो सकता है।

  4. मोक्ष की प्राप्ति: गीता में मोक्ष (निर्वाण या मुक्ति) को प्राप्त करने के उपायों की व्याख्या की गई है। गीता के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण के प्रति श्रद्धा, समर्पण और सही मार्ग पर चलने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है, जिससे वह जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है।

  5. महात्म्य: गीता के महात्म्य को बताते हुए यह कहा जाता है कि गीता के श्लोकों का पाठ या श्रवण करने से जीवन में अनेक आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। गीता के श्लोकों का ध्यान करने से मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। इसे सुनने या पढ़ने से मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  6. गीता की शक्ति: कई धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथों के मुकाबले गीता को एक अद्वितीय स्थान प्राप्त है। इसके श्लोकों की शक्ति इतनी बड़ी है कि जो भी व्यक्ति इसे ईमानदारी से पढ़ता या सुनता है, उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। गीता के श्लोक जीवन को सही दिशा देने वाले प्रकाश के रूप में कार्य करते हैं।

किसी के जीवन में गीता का महत्त्व:

  • दृढ़ता और साहस: गीता का अध्ययन व्यक्ति को आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है। अर्जुन के संकट में श्री कृष्ण का उपदेश उसे जीवन की दिशा दिखाने के लिए था, और इसी तरह गीता हमें जीवन के कठिन समय में सही निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करती है।

  • धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण: गीता का अध्ययन करने से व्यक्ति को धर्म, कर्म, योग, भक्ति और आत्मा के अस्तित्व को समझने का अवसर मिलता है। यह ग्रंथ न केवल धार्मिक, बल्कि दार्शनिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

  • मन की शांति: गीता के श्लोकों का जाप या ध्यान करने से व्यक्ति का मन शांत होता है और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।