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  • ऋग्वेद में युगल देवता - Rigveda me Yogal Devata - Motilal Banarsidass author
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ऋग्वेद में युगल देवता- Rigveda me Yogal Devata

Yugal Deity in Rigveda
Publisher: Nag Publishers
Language: Hindi
Total Pages: 428
Available in: Hardbound
Regular price Rs. 500.00 Sale price Rs. 600.00
Unit price per
Tax included.

Description

'ऋग्वेद में युगल देवता' ऋग्वेद संहित में उल्लिखित देवता-द्वन्द्व का व्यापक विवेचनात्मक अनुशीलन है जो उनके जन्म, स्वरूप, विशेषणों अद्वितीय गुणों, अलौकिक एवं मानवीय महान कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालता है। प्रकारान्तर से यह वैदिक युगल देवताओं की एक रोचक झाँकी प्रस्तुत करता है।

ऋग्वेदीय एकल देवताओं की अपेक्षा कुछ युगल-देवता जैसे इन्द्राग्नी, इन्द्रावायु, इन्द्रासोमा, इन्द्रामरुत, अश्विनौ, मित्रावरुण तथा द्यावापृथिवी आदि अधिक आकर्षक, रोचक, शक्तिशाली और दीप्तिमान हो गये हैं, तो कुछ युगल देवता गौण रूप में भी पाये गये हैं जैसे इन्द्राब्रह्मणस्पती, इन्द्राकुत्स, इन्द्राश्वौ, अग्नीपूषा, अग्नित्वष्टा, सोमावायु, सोमामरुत, मरुद्विष्णु आदि। प्रस्तुत पुस्तक में सभी देवता द्वन्द्वों की मूल स्थिति से लेकर उनकी उत्पत्ति, माता-पिता, पत्नी, भाई-बहन, सखा, शत्रु, वाहन, अस्त्र-शस्त्र तथा खाद्य आदि का सम्पूर्ण वर्णन किया गया है।

सर्वाधिक प्रभुत्वशाली प्रथम यजनीय ऋग्वेदीय देव इन्द्र के साथ सर्वाधिक द्वन्द्वत्व का योजन करने वाले देवों, आद्य देवभिषक् अश्विनौ, लोक कल्याणकारी व न्यायकर्ता मित्रावरुण, देवताओं के माता-पिता द्यावापृथिवी और अग्नि के साथी देवों का यहाँ विशेष विवेचन किया गया है।

किसी भी देवता द्वन्द्व के विषय में सामवेद, यजुर्वेद एवं अथर्ववेद में प्राप्त प्रायः सभी सन्दर्भों को यहाँ मूल उद्धरण सम्पूर्ण मन्त्रों में देनें का प्रयास किया गया है। इस प्रकार यह पुस्तक प्रतिपाद्य की दृष्टि से प्राचीन किन्तु प्रतिपादन की दृष्टि से सर्वथा नवीन और स्वयंपूर्ण है।