

Description
भविष्य दत्त काव्य" एक प्रकार का काव्य है जिसमें भविष्य की घटनाओं, आस्थाओं या विचारों की कल्पना की जाती है। इसका अर्थ है, वह काव्य जो भविष्य से संबंधित होता है, जो किसी व्यक्ति, समाज, या संसार की आगामी स्थिति का वर्णन करता है।
"भविष्य दत्त काव्य" में भविष्य में होने वाली घटनाओं, सामाजिक बदलावों, या प्राकतिक घटनाओं की भविष्यवाणी की जाती है। यह काव्य रूप में किसी विशिष्ट दृषटिकोन से भविष्य की तस्वीर प्रस्तुत करता है, जो संभवतः वैज्ञानिक, धार्मिक या दार्शनिक दृष्टिकोण से हो सकती है।
भारत में, संस्कृत और हिंदी काव्य परंपरा में भविष्यदृष्टि का विषय कई कवियों और लेखकों के काव्य में मिलता है, विशेषकर "नौटंकी" (आध्यात्मिक, धार्मिक, या समाजिक दृष्टिकोण से) या "भगवद गीता" जैसे ग्रंथों में भविष्य की घटनाओं को लेकर कुछ संकेत मिलते हैं।
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Vishal Gaurav Singh