Dharma Kyon? - धर्म क्यों? - Motilal Banarsidass #author

Dharma Kyon?- धर्म क्यों?

Author(s): Swami Pavitrananda
Publisher: Advaita Ashrama
Language: Hindi
Total Pages: 95
Available in: Paperback
Regular price Rs. 30.00
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Description

धर्म क्यों?" यह सवाल अक्सर जीवन के उद्देश्यों, नैतिकता और धार्मिक विश्वासों के बारे में सोचने पर उत्पन्न होता है। "धर्म" एक बहुत ही व्यापक शब्द है, जो सिर्फ धार्मिक आस्थाओं या रीतियों से संबंधित नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन के सही मार्ग, आचरण, और उसके कर्तव्यों को भी परिभाषित करता है।

धर्म का उद्देश्य:

  1. व्यक्तिगत धर्म: धर्म हमें अपने कर्तव्यों, उत्तरदायित्वों और अपने जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह हमें अपने आचार-व्यवहार को सही दिशा में रखने के लिए मार्गदर्शन करता है।

  2. समाज का धर्म: धर्म समाज के लिए भी एक मार्गदर्शक होता है। यह समाज में शांति, न्याय, और समानता की स्थापना करने में मदद करता है। समाज में एक दूसरे के प्रति सहानुभूति, सहयोग और सम्मान की भावना उत्पन्न करने का कार्य भी धर्म करता है।

  3. आध्यात्मिक उद्देश्य: धर्म के माध्यम से व्यक्ति को आत्मा की उन्नति, ईश्वर के साथ संबंध और जीवन के अंतिम उद्देश्य (मोक्ष या मुक्ति) को समझने में मदद मिलती है। यह जीवन के गहरे अर्थ और सत्य की खोज में सहायक होता है।

"धर्म क्यों?" का उत्तर इस प्रकार हो सकता है कि धर्म न केवल व्यक्ति के आंतरिक शांति का कारण है, बल्कि यह समाज में एकता, सद्भाव और प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके बिना, जीवन में दिशा और उद्देश्य की कमी हो सकती है। धर्म व्यक्ति को अपने कर्तव्यों को समझने और उन्हें सही तरीके से निभाने की प्रेरणा देता है।