दिवो दुहिता" एक प्रसिद्ध हिंदी काव्य-रचनाओं में से एक है, जिसे कवि कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' ने लिखा है। यह पुस्तक विशेष रूप से एक गद्य काव्य है, जो भारतीय संस्कृति, जीवन और देवी-देवताओं के आदर्शों पर आधारित है।
"दिवो दुहिता" का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज के आदर्श और उच्च मानकों को प्रदर्शित करना है। इस पुस्तक में एक दिव्य और आदर्श महिला की कथा को प्रस्तुत किया गया है, जिसे देवी के रूप में पूजा जाता है। इसे भारतीय महिला के सम्मान, शक्ति और गरिमा का प्रतीक माना जाता है।
यह काव्य रचना साहित्य प्रेमियों और विशेष रूप से भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए प्रेरणादायक है। इसमें कवि ने सुंदर शब्दों के माध्यम से आदर्श महिला के जीवन को उजागर किया है।