
MAHAKAVI-DEVA-KRIT-RASA-BILAS
Publisher: Sahitya Sansar
Language: Hindi
Total Pages: 65
Available in: Hardbound
Regular price
Rs. 150.00
महाकवि-देव-कृत-रसबिलास" महाकवि देव द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण काव्य हो सकता है। इस काव्य में रसबिलास या भावों की अत्याधुनिक रूपांतरण की कहानियां हो सकती हैं।
महाकवि देव ने अपने काव्य में विविध रसों को दर्शाया हो सकता है, जैसे की शृंगार, हास्य, वीर, रौद्र, आदि। यह काव्य सांस्कृतिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है और इसे उस काल की साहित्यिक परंपरा के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण संसाधन माना जा सकता है।
यह काव्य संभवतः साहित्य और कला की एक महत्वपूर्ण प्रस्तुति होती है, जो रसों के साथ विभिन्न भावों और विचारों का समाहार करती है। यह कविता साहित्य प्रेमियों और भारतीय साहित्य के अध्ययनार्थियों के लिए रुचिकर हो सकती है।
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