"व्याकरण-महाभाष्य" का अर्थ है व्याकरण का महान विवरण या व्याख्या। यह भारतीय व्याकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसे पाणिनि के व्याकरण पर टिप्पणी के रूप में माना जाता है। इसके लेखक पतंजलि हैं, जिन्होंने पाणिनि के सूत्रों की व्याख्या की और व्याकरण के सिद्धांतों को स्पष्ट किया।
इस ग्रंथ में भाषा की संरचना, शब्दों के निर्माण, और वाक्यों के निर्माण के नियमों को विस्तृत रूप से समझाया गया है। यह न केवल भाषाविज्ञान के छात्रों के लिए बल्कि साहित्य, दर्शन और अन्य क्षेत्रों के अध्ययन करने वालों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
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