• Namkaran Sanskar by Kunj Bihari Sharma
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Namkaran Sanskar

Author(s): Kunj Bihari Sharma
Publisher: Sampurnand Sanskrit vishwavidyalaya
Language: Hindi
Total Pages: 36
Available in: Paperback
Regular price Rs. 80.00
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Description

नामकरण संस्कार (Namkaran Sanskar)

नामकरण संस्कार हिंदू धर्म में आठ प्रमुख संस्कारों में से एक है, जिसे बच्चे के जन्म के बाद किया जाता है। यह संस्कार बच्चे के जीवन का पहला महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है, जिसमें उसे उसका नाम दिया जाता है। नामकरण संस्कार भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व रखता है, और इसे परिवार के सभी सदस्य और रिश्तेदार एक साथ मिलकर बड़े धूमधाम से करते हैं।

नामकरण संस्कार के महत्व:

  1. आध्यात्मिक आशीर्वाद: इस संस्कार के माध्यम से बच्चा भगवान के आशीर्वाद के साथ जीवन की शुरुआत करता है। परिवार के लोग और गुरु, बच्चे के लिए शुभ और सुखमय जीवन की कामना करते हैं।
  2. नाम का चयन: नामकरण संस्कार के दौरान बच्चे का नाम रखा जाता है, जो उसके भविष्य को प्रभावित करने वाली मान्यता से जुड़ा होता है। अक्सर नाम संस्कृत या अन्य पवित्र भाषाओं में से चुना जाता है, जो शुभ और सकारात्मक अर्थ रखते हैं।
  3. समाज में स्थान: नामकरण संस्कार बच्चे को समाज में एक पहचान देता है और उसे एक व्यक्ति के रूप में स्थापित करता है।

नामकरण संस्कार की प्रक्रिया:

  1. तिथि और मुहूर्त का चयन: इस संस्कार को विशेष मुहूर्त और शुभ तिथि पर किया जाता है, ताकि बच्चे का जीवन सुखमय और मंगलमय हो। पंडित या ज्योतिषी द्वारा तिथि और मुहूर्त का चयन किया जाता है।
  2. पारिवारिक पूजा: इस दिन परिवार के सदस्य एकत्र होते हैं और बच्चे के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। इस पूजा में देवी-देवताओं से बच्चे की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
  3. नाम का चयन और घोषणा: पूजा के बाद बच्चे का नाम चुना जाता है, जो अक्सर परिवार के बुजुर्गों या पंडित द्वारा रखा जाता है। कभी-कभी, बच्चे का नाम उसकी राशि या नक्षत्र के आधार पर भी रखा जाता है।
  4. नामकरण के बाद आशीर्वाद: जब नाम घोषित किया जाता है, तब परिवार के सदस्य बच्चे को आशीर्वाद देते हैं और उसे अपने प्रेम और समर्थन से घेरते हैं।

नामकरण संस्कार का महत्व:

  • यह संस्कार बच्चे के जीवन के पहले आधिकारिक कदम के रूप में माना जाता है।
  • यह संस्कार परिवार की खुशी और उत्सव का प्रतीक होता है, और रिश्तेदारों के बीच संबंधों को मजबूत करता है।

समाप्ति: नामकरण संस्कार हिंदू धर्म में एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जो न केवल एक बच्चे को नाम देता है, बल्कि उसे अपने परिवार, समाज और धर्म से भी जोड़ता है। यह संस्कार बच्चे के जीवन की शुभ शुरुआत के रूप में देखा जाता है।