Ardh-Martanda: Teji Mandi ka Anupam Granth- अर्ध-मार्तण्ड -- तेजी मंदी का अनुपम ग्रन्थ

Ardh-Martanda: Teji Mandi ka Anupam Granth- अर्ध-मार्तण्ड -- तेजी मंदी का अनुपम ग्रन्थ

Publisher: Motilal Banarsidass
Language: Hindi
Total Pages: 207
Available in: Paperback
Regular price Rs. 343.00
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Description

अर्ध-मार्तण्ड -- तेजी मंदी का अनुपम ग्रंथ" एक काव्यात्मक और अर्थशास्त्र से जुड़ा अद्वितीय ग्रंथ है, जिसे राजा शिवसिंह सेंगर ने रचा। इस ग्रंथ में बाजार की उतार-चढ़ाव, यानी तेजी (bull market) और मंदी (bear market) के आर्थिक पहलुओं को काव्य के रूप में समझाया गया है।

ग्रंथ का नाम "अर्ध-मार्तण्ड" एक प्रतीकात्मक शब्द है, जो सूर्य के आधे अंश से संबंधित है, जैसा कि "मार्तण्ड" शब्द सूर्य के लिए इस्तेमाल होता है, और "अर्ध" शब्द आधे के रूप में आता है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि बाजार के उतार-चढ़ाव की स्थिति को समझने का प्रयास किया गया है, जैसे सूर्य के उत्थान और अस्त होने के बीच का समय।

इस ग्रंथ के माध्यम से लेखक ने शेयर बाजार, आर्थिक परिवर्तन, और निवेशकों के व्यवहार को समझाने का एक नया तरीका पेश किया। इसमें उन्होंने तेजी और मंदी के दौर में निवेशकों को किस प्रकार से रणनीति बनानी चाहिए, इसे रचनात्मक और काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया है।

इस काव्यग्रंथ के विचार, बाजार के व्यवहार, और निवेश के सिद्धांतों पर आधारित हैं जो आज भी व्यापारियों और निवेशकों के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं।