आत्म-साक्षात्कार की कसौटी by Swami Rama Tirtha

आत्म-साक्षात्कार की कसौटी

Author(s): Swami Rama Tirtha
Publisher: Swami Rama Tirtha Pratisthan (Lucknow)
Language: Hindi
Total Pages: 117
Available in: Paperback
Regular price Rs. 182.00
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Description

आत्म-साक्षात्कार की कसौटी एक व्यक्ति की आत्म-ज्ञान और आत्म-प्रकाश की गहराई से संबंधित है। इसका मतलब है, व्यक्ति का अपने वास्तविक स्वरूप, अस्तित्व और आंतरिक सत्य से साक्षात्कार करना। आत्म-साक्षात्कार की कसौटी में निम्नलिखित प्रमुख पहलु शामिल हो सकते हैं:

  1. सच्चाई की पहचान: आत्म-साक्षात्कार के द्वारा व्यक्ति अपनी असली पहचान को समझता है। उसे यह अहसास होता है कि वह शरीर, मन और विचारों से अलग है और उसका असली स्वरूप आत्मा या चेतना है।

  2. अंतरात्मा का अनुभव: आत्म-साक्षात्कार की कसौटी यह है कि व्यक्ति अपने भीतर के शांति, सुकून और दिव्यता को अनुभव करता है। वह अपनी अंतरात्मा के साथ जुड़ाव महसूस करता है और इस जुड़ाव के द्वारा वह विश्व से जुड़ा हुआ महसूस करता है।

  3. अविचलितता और संतुलन: आत्म-साक्षात्कार के बाद व्यक्ति मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करता है। वह अपने अंदर के द्वंद्वों और संघर्षों से मुक्त हो जाता है और जीवन के विभिन्न परिस्थितियों में अविचलित रहता है।

  4. आध्यात्मिक दृष्टिकोण: आत्म-साक्षात्कार के बाद व्यक्ति का जीवन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण हो जाता है। वह संसार को एक बड़े उद्देश्य और दिव्य दृष्टि से देखता है और उसकी कर्मों में भी यह आध्यात्मिकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

  5. दया और प्रेम: आत्म-साक्षात्कार का अनुभव व्यक्ति में दया, प्रेम, करुणा और सहिष्णुता के गुणों का विकास करता है। वह दूसरों के प्रति संवेदनशील और सहायक बनता है।

  6. निराकार और निरविकारी स्थिति: आत्म-साक्षात्कार के बाद व्यक्ति अपने अस्तित्व को नित्य, अज्ञेय और निराकार के रूप में देखता है। वह बंधनों और भौतिक सीमाओं से परे, व्यापक और शाश्वत दृष्टिकोण अपनाता है।