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श्राद्धपद्धति:- Shraddha Paddhati

श्राद्धपद्धति:- Shraddha Paddhati

कात्यायनसूत्रानुसारिणी-(KatyayanaSutranusarini)
Publisher: Motilal Banarsidass
Language: Sanskrit & Hindi
Total Pages: 96
Available in: Paperback
Regular price Rs. 292.50
Unit price per
Tax included.

Description

श्राद्ध शब्द ही श्रद्धा को द्योतित करता है अर्थात् हम अपने मृत पितरों की तृप्ति के लिये श्रद्धापूर्वक जो सत्कर्म करते हैं वही श्राद्ध है। केवल आर्य जाति ही नहीं, संसार की कोई भी जाति या सम्प्रदाय ऐसा नहीं जो अपने धर्मग्रन्थों या परम्पराओं के अनुसार किसी न किसी रूप में मृत पितरों के प्रति श्रद्धा न व्यक्त करता हो। उसका प्रकार, स्वरूप या विधि भिन्न-भिन्न हो सकती है।
प्राचीन काल में परम्परा थी कि और कोई पुस्तक हो या न हो दशकर्म-पद्धति, श्राद्धपद्धति, रुद्री और दुर्गासप्तशती पुस्तकें लगभग प्रत्येक ब्राह्मण के घर होती थीं, क्योंकि इनकी बराबर आवश्यकता होती थी। श्राद्ध आदि कैसे किया जाता है यह भी प्रत्येक ब्राह्मण बालक घर पर स्वयं ही सीख जाता था। पाश्चात्य शिक्षा तथा सरकारों की धर्म निरपेक्षता का ऐसा असर पड़ा कि आज यदि कोई व्यक्ति श्रद्धापूर्वक पितरों का श्राद्ध या अन्य कोई कर्मकाण्ड करना भी चाहे तो विधिपूर्वक कराने वाले नहीं मिलते। ऐसा देखने में आया कि लोग पुस्तक सामने रखकर स्वयं श्राद्धादि करते हैं, किन्तु संस्कृत का पूर्ण ज्ञान न होने से कहाँ क्या करना है इसमें गड़बड़ी कर देते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए लेखक ने प्रस्तुत पुस्तक में विधिवाक्यों का हिन्दी में अनुवाद भी किया है। प्रस्तुत पुस्तक कात्यायन सूत्र पर आधारित है।