महाभारत (संपूर्ण) 9 खंडों में एक प्रसिद्ध हिंदी संस्करण है, जो महाभारत के अद्भुत महाकाव्य को सरल और सुसंगत रूप में प्रस्तुत करता है। इस संस्करण में महाभारत के सभी महत्वपूर्ण घटनाओं, पात्रों, संवादों और संदेशों को विस्तृत रूप से समाहित किया गया है। इस 9 खंडों में महाभारत के सभी श्लोक, कहानियाँ और उपकथाएँ दी गई हैं।
हर एक खंड में अलग-अलग विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे पाठक को महाभारत के विभिन्न पहलुओं को समझने में आसानी हो। यह संस्करण आमतौर पर पुस्तकालयों, धार्मिक संस्थानों, और महाभारत के भक्तों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है।
यहां महाभारत (संपूर्ण) के 9 खंडों का सामान्य रूप से विभाजन इस प्रकार किया जा सकता है:
-
खंड 1 - आदिपर्व: इसमें महाभारत की कथा का प्रारंभ, राजा शंतनु, भीष्म पितामह, द्रुपद की कहानी, और कौरव-पाण्डवों का जन्म होता है।
-
खंड 2 - सभापर्व: इसमें दुर्योधन और युधिष्ठिर के बीच संघर्ष, सभा भवन की घटना, द्रौपदी का चीर हरण, और पांडवों का अज्ञातवास का वर्णन है।
-
खंड 3 - वनपर्व: इसमें पांडवों का वनवास, राक्षसों से युद्ध, और भगवान श्री कृष्ण के साथ उनके संवादों का वर्णन है।
-
खंड 4 - उद्योगपर्व: इसमें पांडवों का युद्ध की तैयारी, दुर्योधन का युद्ध के लिए आमंत्रण, और युद्ध के विभिन्न पक्षों की तैयारी का विवरण दिया गया है।
-
खंड 5 - भीष्मपर्व: इसमें भीष्म पितामह की शरणागति और कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान उनके विचारों और कर्तव्यों का वर्णन है।
-
खंड 6 - द्रोणपर्व: इसमें गुरु द्रोणाचार्य की भूमिका, अर्जुन और कर्ण का युद्ध, और युद्ध के दौरान हुए महत्वपूर्ण घटनाओं का विस्तार से वर्णन है।
-
खंड 7 - कर्णपर्व: इसमें कर्ण की जयंती, उसकी युद्ध में भागीदारी, और कर्ण के द्वारा किए गए महान कार्यों का विवरण है।
-
खंड 8 - शल्यपर्व: इसमें युद्ध के दौरान शल्य के महत्व, उसकी नीतियों और अंत में पांडवों की विजय का विवरण है।
-
खंड 9 - स्वर्गारोहणपर्व: इसमें महाभारत युद्ध के बाद के घटनाएँ, पांडवों का स्वर्गारोहण, और उनके द्वारा छोड़ी गई शिक्षाएँ दी गई हैं।